भारतीय रुपए के मुकाबले डॉलर, पौंड की मजबूती से अनिवासी भारतीयों (NRI) की दिलचस्पी रियल एस्टेट कारोबार का तरफ बढ़ गई है जिससे इस कारोबार को मंदी से निकलने की भरपूर सहायता मिलेगी।
NRI खरीदते हैं ज्यादा मकान
आपको बता दे की देश का रियल एस्टेट उद्योग लगभग 3,000 अरब रुपए का है, जिसमें 7-8 फीसदी मकान NRI खरीदते हैं। इस क्षेत्र में वे हर साल लगभग 21,000-30,000 करोड़ रुपए की खरीदारी करते हैं। पंजाब में वे जबरदस्त निवेश करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से उनका रुझान वहां अत्यधिक कम होने लगा, जिससे वहां प्रॉपर्टी बाजार बिलकुल निचले स्तर पर पहुंच गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर
जानकारों के मुताबिक पंजाब में कई सालों से प्रॉपर्टी कारोबारियों के लिए पॉलिसी सही नहीं रही और डॉलर कमजोर होने के कारण NRI का निवेश में रुझान बहुत कम हो गया था। वे ज्यादातर निवेश कनाडा व ब्रिटेन के रियल एस्टेट में करने लगे। अब डॉलर के मुकाबले रुपया 74 का स्तर पार कर चुका है। कनाडाई डॉलर पहले 49 रुपए का था, जो अब 57 रुपए पार कर चुका है। ब्रिटेन का पौंड 80 रुपए का था, जो अब 97 रुपए तक आ गया है। इससे NRI का निवेश में रुझान दोबारा बढ़ने लगा है।