भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक से कैश निकालने की सीमा बढ़ाने पर साफ तौर पर कहा है कि 10 हजार रुपये निकालने की सीमा वाला फैसला अंतिम नहीं है।कई तरह की पाबंदियां झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों को आरबीआई से झटका लगा है। आरबीआई ने कहा कि 10 हजार रुपये निकालने की सीमा वाला फैसला अंतिम नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक के ग्राहकों को किसी भी तरह की सहूलियत नहीं मिली है। बैंक के ग्राहकों के लिए अब भी कैश निकालने की लिमिट सिर्फ 1000 रुपये है।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की है।
चालू या किसी अन्य जमा खाते में रखी कुल शेष राशि में से पहले निकाले गए 1,000 रुपये सहित 10,000 रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति दी गई है।
हालांकि, बढ़ी हुई राशि की निकासी तभी हो सकेगी जब खाताधारक की बैंक में कोई कर्ज देनदारी नहीं हो। केंद्रीय बैंक के मुताबिक कोई भी बैंक का खाताधारक बैंक से एक ही बार में या फिर छह माह की अवधि के दौरान 10,000 रुपये तक निकाल सकता है.
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर आरोप है कि उसने नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए के बारे में आरबीआई को गुमराह किया है।