प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा था कि हमें उनलोगों का आभार जताना चाहिए जो कोरोना से लड़ने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में देश में काम करने लोगों का आभार जताने के लिए घर की बालकनी या गेट पर आकर शंख, ताली, घंटा-थाली बजाएं।
इसके बारे में कई डॉक्टर्स, योग और आयुर्वेद के जानकारों का मानना है कि इस तरह आभार जताने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं जिससे कई सारे फायदे होते हैं।
क्लैपिंग से नर्वस सिस्टम पर होता है इफेक्ट, इम्युनिटी में होगा इजाफा
ताली बजाने से हमारे नर्वस सिस्टम पर असर पडता है और इम्युनिटी बेहतर होती है।
हमारे हाथों में एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स अधिक होते हैं। ताली बजाने के दौरान हथेलियों के एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर अच्छा दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट और फेफड़ों की बीमारियां में फायदा पहुंचता है। हमारे शरीर के 30 से ज्यादा एक्यूप्रेशर पॉइंटस हथेलियों में ही होते हैं। प्रेशर पॉइंट को दबाने से उससे कनेक्टेड अंग तक रक्त और ऑक्सीजन का संचार अच्छे से होने लगता है। इन सभी दबाव बिंदु को सही तरीके से दबाने का सबसे आसान तरीका ताली बजाना ही है।
आयुर्वेद में ताली, घंटी, घंटा बजाने के महत्व की जानकारी दी गई है। शंख की ध्वनि से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले वायुमंडल में फैले अति सूक्ष्म किटाणु नष्ट हो जाते हैं। वहीं, इससे सांस की बीमारियों में भी फायदा मिलता है। शंख बजाने से योग की कई क्रियाएं एक साथ हो जाती है। कोरोना वायरस हमारे श्वसन तंत्र को ही नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में शंख बजाने से श्वसन तंत्र को लाभ होगा।
घंटा-घंटी, थाली बजाने से मंत्र के उच्चारण जैसा प्रभाव होता है. ये भी हमारे नर्वस सिस्टम को अच्छा महसूस कराकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।